: दिल धडकते-धडकते जवाब दे गया: रचनाकार : अमित सर: |
दिल धडकते - धड़कते जवाब दे गया
तू आयी नहीं , ये हिसाब दे गया
उलझी - उलझी है जाँ भी जिसम में कहीं
मरते - मरते तेरा ही ये ख्वाब दे गया
मेरे चेहरे की रौनक बढ़ी अब बढ़ी
तेरी यादों का अहसास ये रुबाब दे गया
जिसमे ख़त तेरे-मेरे , आते-जाते रहे
रद्दीवाला वही फिर किताब दे गया
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