शनिवार, 19 मई 2012

दिल धडकते - धड़कते जवाब दे गया.......

: दिल धडकते-धडकते जवाब दे गया: रचनाकार : अमित सर:


दिल धडकते - धड़कते जवाब दे गया
तू आयी नहीं , ये हिसाब दे गया

उलझी - उलझी है जाँ भी जिसम में कहीं
मरते - मरते तेरा ही ये ख्वाब दे गया

मेरे चेहरे की रौनक बढ़ी अब बढ़ी
तेरी यादों का अहसास ये रुबाब दे गया

जिसमे ख़त तेरे-मेरे , आते-जाते रहे
रद्दीवाला वही फिर किताब दे गया

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