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:मांग ना पाया: रचनाकार : अमित सर: |
तेरे दर पर आकर भी मै चौखट लांघ न पाया
सामने होकर भी मै प्यार मांग न पाया
खुदकुशी करना सचमुच बडी मुश्किल शरारत है
तेरा मासूम चेहरा और मै खुद को टांग न पाया
तुझे तेरी मोहब्बत मिल जाए और खुश तू हो
चाहकर के भी तुझको मै खुदा से मांग न पाया
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