गुरुवार, 24 मई 2012

प्यार के दुःख है ,कितने प्यारे.....

:धरती, अम्बर, चाँद, सितारे:रचनाकार:अमित सर:

धरती, अम्बर, चाँद, सितारे
इक तू जीती , ये सब हारे
 
नदिया,झरने,परबत,जंगल
तेरे आगे , फीके सारे
 
आसूँ-मोती,आँखें-सीपी
सारी बातें ,तेरे सहारे
 
लड़ना-झगड़ना,रूठना-रोना
प्यार के दुःख है ,कितने प्यारे
 
जीना-मरना, पाना- खोना
प्यार दिखाए ,कैसे नज़ारे
 
बादल, बूंदें, बारिश, खुशियाँ
तेरे बिन ,गुमसुम है सारे
 
प्रेम-समर्पण, भक्ति-शक्ति
प्यार में तेरे ,कितने इशारे
 
गम-ख़ुशी, आसूँ-मुस्कान
सारे परिवर्तन तेरे सहारे

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