:आतंकवादियों के नाम: रचनाकार : अमित सर: |
कभी किसी की बात का ऐसा असर भी हो
बदले ख़यालात और खुदा का डर भी हो
आतंकियों के दिल में जगे प्यार की अलख
बीवी हो,बच्चे हो,प्यारा-सा घर भी हो
खुदा के नाम पर लगा रखी है जेहाद
खुदा की पाकीजगी का जरा असर भी हो
निहत्थों और बेगुनाहों पे गोलियां चलाना
हिजडों की करामात है,उन्हें खबर भी हो
क्या सोचते हो के खुदा तुम्हे जन्नत देंगा
हैवान होकर सोचते हो के बशर भी हो
करते हो हमेशा ही 'गैर मुसलमाना' हरकत
फिर सोचते हो के दुआ में असर भी हो
मैं कहता हूँ, तुम मुस्लिम हो ही नहीं सकते
बिना धर्म के हो तुम , ये तुमको खबर भी हो
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