:दस्ताने इश्क : रचनाकार : अमित सर: |
दास्ताने इश्क लिखना कहाँ
आसान है
शब्दों में निचोडनी पड़ती
जान है
उन्हें सिखानी पड़ती है यहाँ
वफ़ा
जो प्यार की ए. बी. सी. डी. से अंजान है
इश्क पर फैशन का ऐसा चढ़ा
है कलर
वेलेंटाइनडे अब प्यार की
पहचान है
हमारी संस्कृति सिखाती है
समर्पण हमें
राधे- श्याम भारत के इश्क की पहचान है
जात-पात को हम ठोकरों पर रखते है
इसलिए तो
जोधा का अकबर महान है
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