लम्हों में सदियाँ .......
गुरुवार, 24 मई 2012
मेरी गज़लों से तेरी खुशबू आए ......
:मेरी गज़लों से तेरी खुशबू आए: रचनाकार : अमित सर:
क्यूँ चाहता है दिल के बस तू आए
जब चले हवा
,
बस तेरी खुशबू आए
रुक जाये धड़कने तब भी चाहूँगा
न आएँ साँसें
,
बस तेरी आरजू आए
तुम छू लो तो जी उठेंगे किताबों के वरक
चाहता हूँ मेरी गजलों से तेरी खुशबू आए
1 टिप्पणी:
subodh S kamble
28 मई 2012 को 11:32 pm बजे
SIR bohot aachi kavita hai ......
lovely like from my heart
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SIR bohot aachi kavita hai ......
जवाब देंहटाएंlovely like from my heart