लम्हों में सदियाँ .......
शुक्रवार, 28 नवंबर 2014
शब्दहीन है 'प्रेम' परिभाषा !!!
प्यार की है अपनी ही भाषा
आखें छलकायें अभिलाषा
चुप-चुप रहना
;
कुछ-कुछ कहना
कहो न कुछ भी
;
जगती-आशा
कहें न कहें
?
रूठ गयी तो ...
इतना सोचा
;
छाई निराशा
होठ मौन है
;
आँख मुखर है
शब्दहीन है
'
प्रेम
'
परिभाषा
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