ग़ालिब शराब पीने दे
, मस्जिद में बैठकर
या वो जगह बता,
जहाँ खुदा नहीं......
(मिर्ज़ा ग़ालिब)
मस्जिद खुदा का घर है , पीने की जगह नहीं
काफ़िर के घर में जा, वहाँ खुदा नहीं......
(अल्लामा इकबाल)
काफिर के दिल से आया हूँ
,मैं ये देखकर
खुदा मौजूद हैं वहाँ , उसे पता नहीं......
(अहमद फ़राज़)
काफिर किसे कहते हो,
इन्सां है सब यहाँ
कण-कण में बसता है खुदा,
तुम्हे पता नहीं......
(अमित साहू)
सजदे मे सरकार के झुकने से क्या हासिल
जवाब देंहटाएंतुम झुके,सर झुका मगर जो दिल झुका नहीं ।