सबने मेरी क्षमताओं को कमतर है
माना
जानता हूँ मैं क्या है मेरा ठिकाना
थोडा ऊँचा उड़ने की ये प्यास है ना
कह दो प्रिये , मुझपर तुम्हे विश्वास है ना
चाहता हूँ मैं तुम्हारा साथ हरदम
चाहता हूँ लिखूं शोलों पे दास्ताने शबनम
कितनी असंभव-सी ये मेरी आस है ना
कह दो प्रिये , मुझपर तुम्हे विश्वास है ना
अपने लिए जी कर करे जीवन को छोटा
मुश्किल है मेरे लिए ऐसा समझौता
तुम कहो सच्चा मेरा अहसास है ना
कह दो प्रिये , मुझपर तुम्हे विश्वास है ना
तुम धरा पर आई सिर्फ मेरे लिए हो
क्या फर्क जो न संग हमने फेरे लिए हो
अपना ये रिश्ता कुछ तो ख़ास है ना
कह दो प्रिये , मुझपर तुम्हे विश्वास है ना
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