शुक्रवार, 28 नवंबर 2014

धरती, अम्बर, चाँद, सितारे !!



धरती, अम्बर, चाँद, सितारे
इक तू जीती , ये सब हारे

नदिया,झरने,परबत,जंगल
तेरे आगे , फीके सारे

आसूँ-मोती,आँखें-सीपी
सारी बातें तेरे सहारे

लड़ना-झगड़ना,रूठना-रोना
प्यार के दुःख है कितने प्यारे

जीना-मरना, पाना- खोना
प्यार दिखाए कैसे नज़ारे

बादल, बूंदें, बारिश, खुशियाँ
तेरे बिन गुमसुम है सारे

प्रेम-समर्पण, भक्ति-शक्ति
प्यार में तेरे कितने इशारे

गम-ख़ुशी, आसूँ-मुस्कान
सरे परिवर्तन तेरे सहारे

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