जहर को इतनी गलत नज़र से न देखिये
जहर तो प्यार की निशानी है .........
आप आइये और मेरे साथ बैठिये जरा
सुनिए जहर की भी अपनी कहानी है
...
१) एक गरीब माँ अपने बच्चों की रोटी के लिए
रही बेचती जिस्म अपना बाज़ार में
जब बच्चें हुए बड़े और जाना ये सब
छोड़ आए माँ को अपनी मझधार में
उसने कोई शिकवा और शिकायत न की
पी गयी जहर जिल्लत का बच्चों के प्यार
में
न जाने ये कितनी माँओं की कहानी है
जहर को इतनी गलत नज़र से न देखिये
जहर तो प्यार की निशानी है .........
२) एक बूढा था इस देश में कभी
सारा जीवन दूसरों के नाम किया था
अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर
हमेशा अपने देश के लिए जिया था
पर लगा दी लोगो ने उसपर भी तोहमत बटवारे
की
पी गया वो जहर तोहमत का देश के प्यार
में
न जाने ये कितने देशभक्तों की कहानी है
जहर को इतनी गलत नज़र से न देखिये
जहर तो प्यार की निशानी है .........
३) कहते है हुआ था समुद्रमंथन कभी
अमृत भी निकला था उसमे और गरल भी
स्वार्थ लोलुपों ने अमृत छक-छक कर पिया
पर छुआ नहीं उन्होंने गरल को कभी
ऐसे में आये भोले-भाले शिवशंकर वहीँ
और पिया जहर शिव ने अपनों के प्यार में
न जाने ये कितने शंकरों की कहानी है
जहर को इतनी गलत नज़र से न देखिये
जहर तो प्यार की निशानी है .........
४) एक पतिव्रता थी जिसने पति के लिए
त्यागा राज-पाट और गयी जंगल की ओर
पग-पग पर दिया साथ उसने अपने पति का
पति के ही संग बंधी रही उसके मन की डोर
पर उसे भी देनी पड़ी अग्निपरीक्षा
पी गयी वो जहर कलंक का पति के प्यार में
न जाने ये कितनी पत्नियों की कहानी है
जहर को इतनी गलत नज़र से न देखिये
जहर तो प्यार की निशानी है .........
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