मिल गई जन्नत तुझसे मोहब्बत
मिल गई जन्नत तुझसे मोहब्बत
सबसे अच्छी तेरी सोहबत
तेरी हँसी का - हल्का इशारा
धुल गए सब गम , खुल गई किस्मत
तेरे आसूँ बोझल - बोझल
तेरी खुशियाँ खुदा की नेमत
पलके झुकाना , पलके उठाना
प्यार भरी है तेरी हरकत
याद तुझे करता हूँ हरपल
तू भी करना मिले जो फुर्सत
यद् तुम्हारी धक् धक् धडके
प्रेमरोग ये कैसी आदत
तेरे संग अब सबकुछ पाया
तेरे आगे फीकी जन्नत
तुझे जो देखा मिल गई तृप्ती
बची न दिल में कोई हसरत
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