रविवार, 17 दिसंबर 2023

पापा ❤️

 मुश्किलों में जब भी पलटकर देखता हूँ
मेरे पीछे खड़े,आप नज़र आते है!
नहीं है आप,मगर साये की तरह
हम आपको अपने,करीब पाते है!
दुनिया हमदर्दी जताती है सिर्फ
"दर्द" तो बस "पापा" समझ पाते है!
आपकी तस्वीर मैं देखता नहीं
बेसबब बस आँसू निकल आते है!
जब होते है तो कद्र करते नहीं
नहीं होते है तो बस पछताते है!
बाप की सख़्ती का जो मर्म न समझे
वो नादाँ जिंदगी को कहाँ समझ पाते है !

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