रविवार, 4 सितंबर 2016

विश्वास होना चाहिए।।

समय तोड़ेंगा बहुत
राह मोड़ेंगा बहुत
अपने साथ न देंगे
तू हाथ ज़ोड़ेंगा बहुत
अब न झुक तू हो खड़ा
तुझे आकाश होना चाहिये
मन में पंछी बनने का
विश्वास होना चाहिए।।

बाधाएं आएँगी बहुत
कठनाईयाँ उलझाएँगी
ये दुनिया मजे लेंगी
न मुश्किलें सुलझाएँगी
तब तुझे इस बात का
अहसास होना चाहिये
खुद के बाहुबल पे ही
विश्वास होना चाहिए।।

आसान जीवन सब जिये
तुझको तो भिड़ना चाहिये
चुपचाप बैठे सब रहे
तुझको तो लड़ना चाहिये
उस खुदा ने तुझे चुना
तुझे ख़ास होना चाहिये
अपने अंतर्मन पे बस
विश्वास होना चाहिए।।

असफलताएँ आएँगी
निराशाऐं भी छाएंगी
वो भी होंगा जो न हुआ
परिस्थितियाँ तड़पायेगी
उठ के अब कर सामना
शंखनाद होना चाहिये
तेरे मन में लड़ते रहने का
विश्वास होना चाहिए।।

जब आओंगे अर्श से फर्श पर
कई साथ छूट जायेंगे
थे साथ जो दोस्त-भाई
वो भी रूठ जायेंगे
पर ऐसे में गम को तेरे
उल्हास होना चाहिये
आसूँ को मुस्कान पर
विश्वास होना चाहिए।।