बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई,
बाबा से ही जागी है, जो थी किस्मत सोई।
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खाटू वाले बाबा, तेरी अलख जगाई है,
दुनिया छोड़ी सारी, तुमसे प्रीत रचाई है।
नतमस्तक होकर खुद को चरणों में डाला है,
बस हमने भक्ति की ये ही रीत निभाई है।
अब तो हमारी हस्ती बाबा, तुममें है खोई,
बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई।
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दुःख सारे जीवन के हर लो, बाबा श्याम हमारे,
इस जग के हारे के बाबा, अब हो तुम ही सहारे।
राह तुम्हारी तकता हूँ, बस एक झलक दिखला दो,
कुछ तो अपने होने के हमको भी दे दो इशारे।
सिर्फ तुम्हारी आस में बाबा, आँखें हैं रोई,
बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई।
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महाबली, महादानी बाबा श्याम हमारे हैं,
दे हारे का साथ — ये बाबा कितने प्यारे हैं।
डूब के इनकी भक्ति में भवसागर पार करो,
जितने ये है हमारे, उतने ही ये तुम्हारे हैं।
बाबा की भक्ति में हमने रूह ये भिगोई,
बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई।
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जाति–भेद न माने बाबा, तीन–बाण–धारी,
नीला घोड़ा — टक–टक–टक–टक — शान की सवारी।
कलयुग के पापों का अब तो करने हिसाब सारा,
बाबा बनकर आए हैं,खुद बाँके–बिहारी।
हमने भी अब श्याम–नाम की धुन है पिरोई,
बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई।
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बाबा के बाणों से तीनों लोक में हलचल है,
दुश्मन क्या कर लेगा, जब संग बाबा हरपल है।
अरे! आओ ज़माने वालों, मुझ पर कर लो ज़ुल्म–ओ–सितम,
मुझको क्या डर, जब बाबा ही मेरा संबल है।
बाबा श्याम की हस्ती हमने अंतर्मन में संजोई,
बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई।
बाबा से ही जागी है जो थी किस्मत सोई,
हमने भी अब श्याम–नाम की धुन है पिरोई,
बाबा दिल के पास हैं जितने, दूजा ना कोई....
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बोलो...
*युद्ध साक्षी, दुर्गा उपासक, खाटू नरेश, तीन बाण धारी, हारे के सहारे, कलयुग प्रणेता, कृष्णावतार, श्याम रूप, महादानी, महाबली,मोरवी-घटोत्कच पुत्र, बाबा बार्बरीक की जय* 🙏🙏🙏 *ll जय श्री श्याम ll* ❤️
- *भजन रचियता : अमित अरुण साहू*
रविवार, 14 दिसंबर 2025
बाबा दिल के पास ❤️
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