शनिवार, 29 मई 2021

बाम्बी नागन

उन घाटियों की नाफ़-ए-जमीं की ओर
सरकती हुई जल की रेखा...
ढ़लकती हुई पानी की बूँद...
मानो भर रहा है प्याला धीरे-धीरे !
अब बनेगा भँवर...
बिन समंदर...
तेरी नाभि के घुमाव
बूँदों के बहाव
आह ! ये घाव !
बाम्बी का जुड़ाव
ममता की छाँव
जीवन का बहाव
गर्भ की नाल
तेरा कमाल...
फिर एक सवाल
बाम्बी नागन
या बाम्बी जीवन !!!

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