हर एक ऊँगली पर मेरी,सौ-सौ दिल धडकते है
जब - जब ये हाथ तुम्हारी लिखावटों को पढ़ते है !
वो चढाव-उतार,वो हर ईक मोड़ इस सफ़र का
ये काम भी हम,इबादत की तरह करते है !
जब - जब ये हाथ तुम्हारी लिखावटों को पढ़ते है !
वो चढाव-उतार,वो हर ईक मोड़ इस सफ़र का
ये काम भी हम,इबादत की तरह करते है !
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