"POLA AUR DOST"
पता नहीं क्यों “पोले” पर “दोस्त” याद आते है ……
सब के सब बैल थे साले ……
एकदम वफादार……
कभी साथ नहीं छोड़ते थे
चाहे लेक्चर गोल करना हो या
कॉलेज में बम फोड़ना हो ……
किसी से झगड़ना हो
या लड़की को पकड़ना हो !!!
लुच्चे …… सारे,साथ निभाते थे
जैसे झुण्ड में चलते है बैल
वैसे ही महफ़िल सजाते थे
सब के सब बैल थे साले ……
कॉलेज टॉप करने पर मुझे बैल बुलाते थे
कितनी हिम्मत थी सालों में
हरदम साथ निभाते थे !!!
पर जीवन की आपाधापी में
कितने जहीन हो गए है ……
सारे दुनियादारी में खो गए है
सब "बैल" साले दीड-शहाणे हो गए है
अबे बैलों फुर्सत मिले तो फिर से महफ़िल जमाओ
मेरे घर के दरवाजे राह तकते है
आज पोला है मेरे बैलों , मिलने आ जाओ !!!!
पता नहीं क्यों “पोले” पर “दोस्त” याद आते है ……
सब के सब बैल थे साले ……
एकदम वफादार……
कभी साथ नहीं छोड़ते थे
चाहे लेक्चर गोल करना हो या
कॉलेज में बम फोड़ना हो ……
किसी से झगड़ना हो
या लड़की को पकड़ना हो !!!
लुच्चे …… सारे,साथ निभाते थे
जैसे झुण्ड में चलते है बैल
वैसे ही महफ़िल सजाते थे
सब के सब बैल थे साले ……
कॉलेज टॉप करने पर मुझे बैल बुलाते थे
कितनी हिम्मत थी सालों में
हरदम साथ निभाते थे !!!
पर जीवन की आपाधापी में
कितने जहीन हो गए है ……
सारे दुनियादारी में खो गए है
सब "बैल" साले दीड-शहाणे हो गए है
अबे बैलों फुर्सत मिले तो फिर से महफ़िल जमाओ
मेरे घर के दरवाजे राह तकते है
आज पोला है मेरे बैलों , मिलने आ जाओ !!!!
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