Baarish .... full of Romance!
पानी आग लगाता है,सच होती ये बात
भीगे-भागे मौसम में, तेरा-मेरा साथ
बारिश में भीगा दुपट्टा,लगा गले से जाकर
रख ली दो किताबें तूने,सीने से चिपकाकर
उठा दिए पर्दे बारिश ने,उस शफ्फाक़ बदन से
तह-दर-तह तू छुपा रही थी,जिसको इतने जतन से
भीगे-भागे अंग पर,बूंदे खेले-खेल
हाय! बारिश की बूंदों का,उन कपड़ों से मेल
सकल तुम्हारे रूप का, दर्शन दिया कराए
मेघों से है प्रार्थना, खूब झूमकर आए
पानी आग लगाता है,सच होती ये बात
भीगे-भागे मौसम में, तेरा-मेरा साथ
बारिश में भीगा दुपट्टा,लगा गले से जाकर
रख ली दो किताबें तूने,सीने से चिपकाकर
उठा दिए पर्दे बारिश ने,उस शफ्फाक़ बदन से
तह-दर-तह तू छुपा रही थी,जिसको इतने जतन से
भीगे-भागे अंग पर,बूंदे खेले-खेल
हाय! बारिश की बूंदों का,उन कपड़ों से मेल
सकल तुम्हारे रूप का, दर्शन दिया कराए
मेघों से है प्रार्थना, खूब झूमकर आए
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