:डॉक्टर साहब !!!: रचनाकार:अमित सर: |
प्यारे डॉक्टर साहब !!!
आप कैसे पत्थर दिल हो गए ....
पैसों की अंधी दौड़ में ....
क्यों ऐसे खो गए ???
आप थे डॉक्टर ...
आपको बनना था भगवान...
पर आप तो नहीं बन पाए ...
ढंग के भी इंसान .
कमीशन खानेवाले....
दलाल बन गए ....
मरीजों का सौदा करके ...
मालामाल बन गए !!!
वो हर किसी को ...
सलाईन चढ़ाना ...
रूम ख़ाली न जाये ...
इसलिए मरीज रुकवाना ...
शक्कर के पानी वाला...
साईरप चलवाना ....
माँओं के पेट में...
बच्चियाँ मरवाना ...
अपने गधे बेटे को ...
घोडा बनवाना ....
डोनेशन देना ,
पैसा खिलवाना ....
और फिर....
खून चूसने के लिए ...
एक और " ड्रेकुला " ...
तैयार करवाना !!!
ये क्या है डॉक्टर साहब ???
आप कैसे हो गए ???
दो टके के दल्ले जैसे हो गए....
दवा-कंपनियों के....
पुच्छल्ले जैसे हो गए !!!
ये क्या है डॉक्टर साहब ???
आप कैसे हो गए ???
आप कैसे पत्थर दिल हो गए ....
पैसों की अंधी दौड़ में ....
क्यों ऐसे खो गए ???
आप थे डॉक्टर ...
आपको बनना था भगवान...
पर आप तो नहीं बन पाए ...
ढंग के भी इंसान .
कमीशन खानेवाले....
दलाल बन गए ....
मरीजों का सौदा करके ...
मालामाल बन गए !!!
वो हर किसी को ...
सलाईन चढ़ाना ...
रूम ख़ाली न जाये ...
इसलिए मरीज रुकवाना ...
शक्कर के पानी वाला...
साईरप चलवाना ....
माँओं के पेट में...
बच्चियाँ मरवाना ...
अपने गधे बेटे को ...
घोडा बनवाना ....
डोनेशन देना ,
पैसा खिलवाना ....
और फिर....
खून चूसने के लिए ...
एक और " ड्रेकुला " ...
तैयार करवाना !!!
ये क्या है डॉक्टर साहब ???
आप कैसे हो गए ???
दो टके के दल्ले जैसे हो गए....
दवा-कंपनियों के....
पुच्छल्ले जैसे हो गए !!!
ये क्या है डॉक्टर साहब ???
आप कैसे हो गए ???
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