:FCI के चूहे : रचनाकार: अमित सर: |
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हजार टन चावल !!!
खाया है मूषक राज ने !!!
ढूँढो तो ये चूहे कैसे है ???
क्या इनके जेब में पैसे है ???
इंसानों जैसे दिखते है ...
इन्हें बाबू-अफसर कहते है...
नेताजी इनके राजा है ...
" कृपा " से इन्हें नवाज़ा है ...
चूहों का पेट तो छोटा है....
पर राजाओं का मोटा है !!!
क्यों चूहों को बदनाम किया ???
क्या सचमुच है ये काम किया ....
मेरे गणेश के वाहन ने ???
दिल मान नहीं पाता मेरा !!!
एक चूहा पकडके लाओ ना...
मुझको तुम दिखलाओ ना ...
" मोटा - चूहा " कैसा होता है ?
कुपोषितों को बताओ ना ....
मैं इनको वहाँ पे भेजूँगा....
वो भी छक-छक के खायेंगे ....
खूब मौज उडाएँगे !!!
कभी तो वो दिन आएँगे ....
खाया है मूषक राज ने !!!
ढूँढो तो ये चूहे कैसे है ???
क्या इनके जेब में पैसे है ???
इंसानों जैसे दिखते है ...
इन्हें बाबू-अफसर कहते है...
नेताजी इनके राजा है ...
" कृपा " से इन्हें नवाज़ा है ...
चूहों का पेट तो छोटा है....
पर राजाओं का मोटा है !!!
क्यों चूहों को बदनाम किया ???
क्या सचमुच है ये काम किया ....
मेरे गणेश के वाहन ने ???
दिल मान नहीं पाता मेरा !!!
एक चूहा पकडके लाओ ना...
मुझको तुम दिखलाओ ना ...
" मोटा - चूहा " कैसा होता है ?
कुपोषितों को बताओ ना ....
मैं इनको वहाँ पे भेजूँगा....
वो भी छक-छक के खायेंगे ....
खूब मौज उडाएँगे !!!
कभी तो वो दिन आएँगे ....
जब FCI के
बर्बाद गोदाम ...
भूखमरी मिटाएँगे !!!
वर्ना ! हजारों टन चावल ...
यूँहीं चूहे खा जायेंगे ....
यूँहीं चूहे खा जायेंगे ....
भूखमरी मिटाएँगे !!!
वर्ना ! हजारों टन चावल ...
यूँहीं चूहे खा जायेंगे ....
यूँहीं चूहे खा जायेंगे ....
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