अगर मैं कह दूँ अपनी "मातृभूमि" को
कुछ ऐसा - वैसा....
खींच जाएगी तलवारें...
और... कहलाऊंगा मैं "देशद्रोही"...
कहेंगे मेरे बारे में लोग...
कैसा - कैसा???
पर बहुत सोच समझकर...
कहता हूँ....
'देश नहीं सुरक्षित "बच्चियो" के लिए....'
हर जगह गिद्ध है...
तैयार नोंचने के लिए...
और पूरी सत्ता का तंत्र है...
मासूमों को दबोचने के लिए...
न्यायलय न्याय दे रहें "अन्याय" से...
क्या हो रहा ये दो नंबर की "आय" से...
"आसाराम" से लेकर "राम - रहीम"...
बिलकिस के दोषियों से लेकर...
कुलदीप सेंगर "महामहिम"....
सबके चरणों में जज साहब लेटे है....
शायद जजों के "बेटियाँ" नहीं सब "बेटे" है...
CM / PM सब "खामोश" अन्याय पर...
या इनकी ही "मौन-मुहर" लगी इस "न्याय' पर??
💔सत्य घटना💔
- अमित अरुण
शुक्रवार, 26 दिसंबर 2025
मातृभूमि
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