लम्हों में सदियाँ .......
सोमवार, 1 दिसंबर 2014
बिखर गए जस्बाद!!
कितने आँसू पी गयी , मैं अंदर-अंदर आज
टूट गयी हूँ अंदर से , बिखर गए जस्बाद।।
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